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तेरी चाहत मेँ मैनेँ खुद को युँ सँवारा है

26 Nov

तेरी चाहत मेँ मैनेँ खुद को युँ सँवारा है
तेरे बिना नहीँ एक पल गँवारा  है
दुर अगर हो जाओ तो जी नहीँ लगता
मैनेँ खुदा से सजदे मेँ सिर्फ तुझे ही माँगा है

 
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Posted by on 26/11/2015 in शायरी

 

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